1 बीघा में कितने बिस्वा और धुर होते हैं? जानिए खतौनी की A to Z जानकारी Land Unit Explain

भारत में जमीन मापने की परंपरागत इकाइयाँ आज भी बहुत प्रचलित हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। जब भी आप जमीन खरीदने या बेचने की सोचते हैं, तो अक्सर बीघा, बिस्वा, धुर जैसे शब्द सुनने को मिलते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को इन इकाइयों का सही मतलब और आपस में संबंध नहीं पता होता। इसी वजह से कई बार कंफ्यूजन हो जाता है।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि 1 बीघा में कितने बिस्वा और धुर होते हैं, साथ ही खतौनी (Khatauni) क्या है, इसका क्या महत्व है और इससे जुड़ी पूरी जानकारी। अगर आप जमीन से जुड़े किसी भी काम में हैं या खेती-किसानी करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है।

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आज के समय में भी बीघा, बिस्वा और धुर जैसी इकाइयों का इस्तेमाल उत्तर भारत, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड आदि राज्यों में खूब होता है। हर राज्य में इनका माप अलग-अलग हो सकता है, जिससे कई बार लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पाती।

इसी वजह से जमीन के कागजात, जैसे खतौनी, को समझना और भी जरूरी हो जाता है। खतौनी एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें आपकी जमीन का पूरा रिकॉर्ड होता है। इस आर्टिकल में हम आपको इन सभी टॉपिक्स पर आसान भाषा में विस्तार से बताएंगे।

1 Bigha in Biswa and Dhur: Complete Land Measurement Guide

नीचे दी गई टेबल में आपको बीघा, बिस्वा, धुर और खतौनी से जुड़ी जरूरी जानकारी का एक ओवरव्यू मिलेगा:

टॉपिकजानकारी
1 बीघा में बिस्वाआमतौर पर 1 बीघा = 20 बिस्वा (राज्य के अनुसार बदल सकता है)
1 बिस्वा में धुरबिहार में 1 बिस्वा = 20 धुर
बीघा का क्षेत्रफल1 बीघा = 17,424 से 27,225 वर्ग फुट (राज्य के अनुसार)
खतौनी क्या हैजमीन का कानूनी रिकॉर्ड, जिसमें मालिक, खसरा नंबर, क्षेत्रफल आदि दर्ज है
खतौनी का महत्वस्वामित्व प्रमाण, बैंक लोन, सरकारी योजनाओं के लिए जरूरी
बीघा की उप-इकाइयाँबिस्वा, धुर, कट्ठा, मरला, कनाल आदि
कहां प्रचलितउत्तर भारत, बिहार, यूपी, झारखंड, एमपी, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा आदि
खतौनी कैसे देखेंऑनलाइन पोर्टल या तहसील कार्यालय से

बीघा, बिस्वा और धुर क्या हैं? (What is Bigha, Biswa, Dhur?)

बीघा भारत में जमीन मापने की एक पारंपरिक इकाई है, जिसका आकार हर राज्य में अलग-अलग होता है। आमतौर पर 1 बीघा लगभग 1/3 एकड़ के बराबर माना जाता है। बीघा की उप-इकाई बिस्वा है, और बिस्वा की उप-इकाई धुर है। इनका इस्तेमाल खासकर कृषि भूमि मापने में किया जाता है।

  • बीघा (Bigha): बड़े भूखंडों के लिए
  • बिस्वा (Biswa): बीघा की उप-इकाई, छोटे भूखंडों के लिए
  • धुर (Dhur): बिस्वा की उप-इकाई, बहुत छोटे भूखंडों के लिए

अलग-अलग राज्यों में बीघा, बिस्वा और धुर का माप

राज्य1 बीघा में बिस्वा1 बिस्वा में धुर1 बीघा का क्षेत्रफल (वर्ग फुट)
उत्तर प्रदेश202027,225
बिहार202027,220
राजस्थान2027,225 (पक्का), 17,424 (कच्चा)
पंजाब/हरियाणा8.059,070
मध्य प्रदेश8.9212,000

नोट: हर राज्य में माप अलग हो सकता है, इसलिए स्थानीय जानकारी जरूर लें।

1 बीघा में कितने बिस्वा होते हैं? (1 Bigha in Biswa)

  • आमतौर पर 1 बीघा = 20 बिस्वा माना जाता है, खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड आदि राज्यों में।
  • कुछ राज्यों में यह संख्या 8, 10 या 12 भी हो सकती है, जैसे पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि।
  • 1 बिस्वा = 1/20 बीघा (उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में)

बीघा से बिस्वा कन्वर्जन टेबल

बीघाबिस्वा
120
240
360
480
5100
10200

1 बिस्वा में कितने धुर होते हैं? (1 Biswa in Dhur)

  • बिहार और झारखंड में 1 बिस्वा = 20 धुर होता है।
  • धुर का इस्तेमाल खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छोटे भूखंडों के लिए किया जाता है।

बिस्वा से धुर कन्वर्जन टेबल

बिस्वाधुर
120
240
5100
10200
20400

बीघा, बिस्वा, धुर के अन्य यूनिट्स में कन्वर्जन (Conversion in Other Units)

यूनिटबीघा में कन्वर्जन (औसत)
एकड़1 बीघा = 0.33 एकड़
हेक्टेयर1 बीघा = 0.13 हेक्टेयर
वर्ग फुट1 बीघा = 27,225 वर्ग फुट
वर्ग गज1 बीघा = 3,025 वर्ग गज
मरला1 बीघा = 160 मरला
कनाल1 बीघा = 4 कनाल

खतौनी क्या है? (What is Khatauni?)

खतौनी जमीन का एक कानूनी दस्तावेज है, जिसमें किसी व्यक्ति या परिवार के नाम पर दर्ज सभी जमीनों का रिकॉर्ड होता है। इसमें खसरा नंबर, मालिक का नाम, पिता का नाम, कुल क्षेत्रफल, भूमि का प्रकार, स्वामित्व में बदलाव आदि की जानकारी होती है।

खतौनी में क्या-क्या जानकारी मिलती है?

  • गांव और जिले का नाम
  • खाता नंबर (Account Number)
  • खसरा नंबर (Plot Number)
  • मालिक का नाम और पिता का नाम
  • कुल क्षेत्रफल (Total Area)
  • भूमि का प्रकार (Agricultural/Residential)
  • स्वामित्व में बदलाव का विवरण

खतौनी का महत्व

  • भूमि स्वामित्व का प्रमाण: जमीन का असली मालिक कौन है, यह खतौनी से पता चलता है।
  • बैंक लोन: कृषि लोन या अन्य लोन के लिए खतौनी जरूरी है।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ: किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, सब्सिडी आदि के लिए खतौनी दिखानी पड़ती है।
  • जमीन विवाद: कोर्ट या प्रशासनिक विवाद में खतौनी सबसे बड़ा सबूत है।
  • जमीन की बिक्री/खरीद: खतौनी के बिना रजिस्ट्री नहीं हो सकती।

खतौनी कैसे देखें? (How to Check Khatauni Online)

आजकल खतौनी ऑनलाइन भी देखी जा सकती है। हर राज्य का अपना पोर्टल है, जैसे उत्तर प्रदेश में upbhulekh.gov.in। आप वहां जाकर निम्नलिखित तरीकों से खतौनी देख सकते हैं:

  • खसरा नंबर से
  • खाता नंबर से
  • मालिक के नाम से
  • गांव/तहसील/जिले के नाम से

खतौनी देखने के स्टेप्स

  1. राज्य के भूलेख पोर्टल पर जाएं।
  2. जिले, तहसील, गांव का चयन करें।
  3. खसरा नंबर या खाता नंबर डालें।
  4. जानकारी भरें और सर्च करें।
  5. आपकी खतौनी स्क्रीन पर आ जाएगी, जिसे डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं।

बीघा, बिस्वा, धुर और खतौनी से जुड़े जरूरी सवाल (FAQ)

Q1. 1 बीघा में कितने बिस्वा होते हैं?
उत्तर: आमतौर पर 1 बीघा = 20 बिस्वा होता है, लेकिन कुछ राज्यों में यह संख्या अलग हो सकती है।

Q2. 1 बिस्वा में कितने धुर होते हैं?
उत्तर: बिहार और झारखंड में 1 बिस्वा = 20 धुर होता है।

Q3. खतौनी क्या है?
उत्तर: खतौनी जमीन का कानूनी रिकॉर्ड है, जिसमें मालिक, खसरा नंबर, क्षेत्रफल आदि की जानकारी होती है।

Q4. खतौनी क्यों जरूरी है?
उत्तर: जमीन के स्वामित्व, बैंक लोन, सरकारी योजनाओं, विवाद आदि के लिए खतौनी जरूरी है।

Q5. क्या खतौनी ऑनलाइन देखी जा सकती है?
उत्तर: हां, हर राज्य के भूलेख पोर्टल पर खतौनी ऑनलाइन देखी जा सकती है।

खतौनी और जमीन माप से जुड़े अन्य जरूरी पॉइंट्स

  • बीघा, बिस्वा, धुर के अलावा भी कई इकाइयाँ हैं जैसे कट्ठा, मरला, कनाल, एकड़, हेक्टेयर आदि।
  • हर राज्य में इनका माप अलग हो सकता है, इसलिए स्थानीय जानकारी जरूर लें।
  • जमीन खरीदने-बेचने से पहले खतौनी और खसरा नंबर जरूर चेक करें।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए खतौनी अपडेट रखें।
  • विवाद की स्थिति में खतौनी सबसे बड़ा सबूत है।

Disclaimer:

यह जानकारी सामान्य संदर्भ के लिए है। बीघा, बिस्वा, धुर जैसी इकाइयों का माप हर राज्य, जिले या गांव में अलग-अलग हो सकता है। जमीन से जुड़े किसी भी कानूनी या सरकारी काम के लिए स्थानीय तहसील या राजस्व विभाग से सही जानकारी जरूर लें। खतौनी एक असली और जरूरी दस्तावेज है, लेकिन इसकी प्रमाणिकता और अपडेटेड जानकारी के लिए हमेशा सरकारी पोर्टल या अधिकृत कार्यालय से ही जानकारी प्राप्त करें।

निष्कर्ष:
अब आपको पता चल गया होगा कि 1 बीघा में कितने बिस्वा और धुर होते हैं, खतौनी क्या है और इसका क्या महत्व है। जमीन से जुड़े हर काम में इन इकाइयों और दस्तावेजों की सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। उम्मीद है, यह आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित होगा।

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