डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत ने एक क्रांति ला दी है, जिसमें Unified Payments Interface (UPI) ने सबसे बड़ा योगदान दिया है। UPI के जरिए लाखों लोग हर दिन पेमेंट करते हैं, चाहे वह बिल भुगतान हो, ऑनलाइन शॉपिंग हो या फिर दोस्तों और परिवार को पैसे भेजना हो। लेकिन अब 1 अप्रैल 2025 से यूपीआई पेमेंट में कई नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जो यूजर्स के लिए जरूरी बदलाव लेकर आएंगे।
राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने इन नए नियमों को जारी किया है ताकि यूपीआई ट्रांजैक्शन को और सुरक्षित, पारदर्शी और कुशल बनाया जा सके। इस लेख में हम आपको यूपीआई के नए नियम, उनकी वजह, असर, और आपको क्या करना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी देंगे।
UPI Rules Change
नियम | विवरण |
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लागू होने की तिथि | 1 अप्रैल 2025 |
मोबाइल नंबर अपडेट | बैंक और ऐप्स को हर हफ्ते मोबाइल नंबर अपडेट करना होगा |
निष्क्रिय नंबरों की डिएक्टिवेशन | 90 दिनों से निष्क्रिय मोबाइल नंबरों से जुड़े यूपीआई आईडी बंद होंगे |
ट्रांजैक्शन लिमिट | पर्सन टू पर्सन (P2P) कलेक्ट पेमेंट्स पर ₹2000 की सीमा लागू |
कलेक्ट पेमेंट्स का नियम | केवल बड़े वेरिफाइड मर्चेंट्स को कलेक्ट पेमेंट्स की अनुमति |
GST लागू | ₹2000 से अधिक यूपीआई पेमेंट्स पर GST लग सकता है |
ट्रांजैक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन | ऑटोमैटिक ट्रांजैक्शन कन्फर्मेशन सिस्टम लागू होगा |
धोखाधड़ी रोकथाम | फर्जी नंबरों और ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी पर सख्त निगरानी |
यूपीआई नियमों में बदलाव क्यों जरूरी थे?
UPI भारत में सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है, लेकिन इसके बढ़ते उपयोग के साथ धोखाधड़ी, फर्जी नंबरों का इस्तेमाल, और गलत ट्रांजैक्शन की घटनाएं भी बढ़ी हैं। पुराने नियमों में मोबाइल नंबरों की अपडेटिंग और निष्क्रिय नंबरों की पहचान में कमी थी, जिससे कई बार गलत खातों में पैसे ट्रांसफर हो जाते थे।
NPCI ने इन समस्याओं को कम करने के लिए नए नियम बनाए हैं, जिनसे यूपीआई सिस्टम ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनेगा। इसके अलावा, GST नियमों के तहत डिजिटल पेमेंट्स पर टैक्स लगाने से सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
नए यूपीआई नियमों का प्रभाव
- मोबाइल नंबर अपडेटिंग: बैंक और पेमेंट ऐप्स को Mobile Number Revocation List (MNRL) का उपयोग कर हर हफ्ते मोबाइल नंबरों को अपडेट करना होगा। इससे निष्क्रिय नंबरों से जुड़े यूपीआई अकाउंट्स को बंद किया जाएगा।
- निष्क्रिय नंबरों की डिएक्टिवेशन: यदि आपका मोबाइल नंबर 90 दिनों से निष्क्रिय है, तो उससे जुड़े यूपीआई आईडी बंद हो जाएंगे। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
- कलेक्ट पेमेंट्स पर सीमा: अब व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) कलेक्ट पेमेंट्स पर ₹2000 की सीमा लागू होगी। इससे छोटे लेन-देन में धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
- केवल बड़े वेरिफाइड मर्चेंट्स को कलेक्ट पेमेंट की अनुमति: इससे मर्चेंट फ्रॉड कम होगा।
- GST लागू: ₹2000 से अधिक की यूपीआई पेमेंट्स पर 18% GST लग सकता है, जिससे डिजिटल पेमेंट्स पर टैक्स कलेक्शन बेहतर होगा।
- ऑटोमैटिक ट्रांजैक्शन कन्फर्मेशन: ट्रांजैक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन (TCC) सिस्टम से पेमेंट प्रक्रिया तेज और सुरक्षित होगी।
यूपीआई नियमों में बदलाव से बचने के उपाय
- अपने बैंक में मोबाइल नंबर अपडेट रखें।
- निष्क्रिय नंबरों का उपयोग न करें।
- यूपीआई ऐप में कलेक्ट पेमेंट्स पर ₹2000 की सीमा का ध्यान रखें।
- केवल वेरिफाइड मर्चेंट्स से ही कलेक्ट पेमेंट करें।
- डिजिटल पेमेंट करते समय सावधानी बरतें और फर्जी लिंक से बचें।
- यूपीआई ऐप की सिक्योरिटी सेटिंग्स अपडेट रखें।
यूपीआई नियमों के बाद ट्रांजैक्शन कैसे करें?
- यूपीआई ऐप खोलें और सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर बैंक से लिंक है और सक्रिय है।
- पेमेंट करते समय ट्रांजैक्शन लिमिट का ध्यान रखें।
- कलेक्ट पेमेंट्स के लिए केवल वेरिफाइड मर्चेंट्स का चयन करें।
- ट्रांजैक्शन के बाद SMS या ऐप नोटिफिकेशन जरूर चेक करें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत बैंक या यूपीआई ऐप को दें।
यूपीआई नियमों के फायदे
- सुरक्षा बढ़ेगी: धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा कम होगा।
- पेमेंट प्रक्रिया तेज होगी: ऑटोमैटिक कन्फर्मेशन से ट्रांजैक्शन जल्दी पूरा होगा।
- टैक्स कलेक्शन में सुधार: GST से सरकार को राजस्व मिलेगा।
- यूजर एक्सपीरियंस बेहतर होगा: अपडेटेड नंबरों से पेमेंट त्रुटि कम होगी।
- विश्वास बढ़ेगा: यूजर्स का डिजिटल पेमेंट पर भरोसा मजबूत होगा।
यूपीआई नियमों के तहत बैंक और ऐप्स की जिम्मेदारी
- मोबाइल नंबरों को नियमित रूप से अपडेट करना।
- निष्क्रिय नंबरों के यूपीआई अकाउंट्स को बंद करना।
- कलेक्ट पेमेंट्स पर नए नियम लागू करना।
- यूजर्स को नियमों के बारे में जागरूक करना।
- धोखाधड़ी रोकने के लिए तकनीकी उपाय अपनाना।
यूपीआई नियमों में बदलाव से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या निष्क्रिय मोबाइल नंबर से यूपीआई पेमेंट्स बंद हो जाएंगे?
हाँ, 90 दिनों से निष्क्रिय नंबर से जुड़े यूपीआई अकाउंट्स बंद कर दिए जाएंगे।
Q2. क्या ₹2000 से अधिक कलेक्ट पेमेंट्स पर GST लगेगा?
संभावना है कि ₹2000 से अधिक पेमेंट्स पर 18% GST लागू हो सकता है।
Q3. क्या सभी यूपीआई ऐप्स को नए नियम लागू करने होंगे?
हाँ, सभी बैंक और यूपीआई ऐप्स को NPCI के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
Q4. क्या मोबाइल नंबर अपडेट करना जरूरी है?
हाँ, मोबाइल नंबर अपडेट न करने पर यूपीआई सेवाएं बंद हो सकती हैं।
Q5. क्या पर्सन टू पर्सन पेमेंट्स पर भी GST लगेगा?
GST मुख्य रूप से मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर लागू होगा, P2P ट्रांजैक्शन पर फिलहाल छूट हो सकती है।
निष्कर्ष
UPI Rules Change 2025 डिजिटल भुगतान प्रणाली को और मजबूत, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नए नियमों से न केवल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि धोखाधड़ी की घटनाएं भी कम होंगी। सभी यूजर्स को चाहिए कि वे अपने मोबाइल नंबर अपडेट रखें, नियमों का पालन करें और डिजिटल भुगतान करते समय सतर्क रहें। इससे भारत का डिजिटल इकोसिस्टम और भी मजबूत होगा।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया यूपीआई नियमों और अपडेट के लिए आधिकारिक NPCI वेबसाइट या अपने बैंक/यूपीआई ऐप से पुष्टि करें। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।