Bank New Rules:15 मई से बदलेंगे ATM, चेक, और UPI के ये 6 बड़े नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा असर

मई 2025 से देश के सभी बैंकों के कई अहम नियम बदलने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आम ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा। RBI और बैंकिंग सेक्टर की नई गाइडलाइंस के तहत ATM से पैसे निकालने, चेक बाउंस, लोन डिफॉल्ट, UPI ट्रांजैक्शन, माइक्रोफाइनेंस लोन और को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी जैसे कई नियम अपडेट हुए हैं। इन बदलावों का मकसद बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली बनाना है, लेकिन इनका असर आपकी रोजमर्रा की बैंकिंग, ट्रांजैक्शन और खर्च पर साफ दिखेगा।

अगर आप ATM का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, EMI या चेक पेमेंट में लापरवाही करते हैं, UPI या डिजिटल पेमेंट्स पर निर्भर हैं, या माइक्रोफाइनेंस/को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़े हैं, तो ये 6 नए नियम आपके लिए जानना बेहद जरूरी है। जानिए, 15 मई 2025 से लागू होने वाले बैंकिंग के नए नियम और उनका आपकी फाइनेंशियल लाइफ पर क्या असर पड़ेगा।

Bank New Rules Table

नियम/बदलावनया अपडेट/असर
ATM ट्रांजैक्शन चार्जफ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजैक्शन पर ₹23 + टैक्स, पहले ₹21 था
फ्री ATM ट्रांजैक्शन लिमिटमेट्रो में 3, नॉन-मेट्रो में 5 फ्री ट्रांजैक्शन (फाइनेंशियल+नॉन-फाइनेंशियल)
चेक बाउंस और लोन डिफॉल्टबार-बार चेक बाउंस पर अकाउंट ब्लैकलिस्ट, EMI मिस पर तुरंत अलर्ट और कड़ी कार्रवाई
UPI मोबाइल नंबर अपडेटबैंक और UPI ऐप को मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन हर हफ्ते करना जरूरी, यूजर कंसेंट अनिवार्य
माइक्रोफाइनेंस लोन लिमिटएक व्यक्ति एक साथ 3 से ज्यादा माइक्रोफाइनेंस लोन नहीं ले सकेगा
को-ऑपरेटिव बैंक निगरानीघाटे या NPA बढ़ने पर RBI की Prompt Corrective Action Framework लागू

1. ATM ट्रांजैक्शन चार्ज में बदलाव

  • अब मेट्रो शहरों में 3 और नॉन-मेट्रो में 5 फ्री ATM ट्रांजैक्शन (फाइनेंशियल+नॉन-फाइनेंशियल) मिलेंगे।
  • इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर ₹23 + टैक्स चार्ज लगेगा, जो पहले ₹21 था।
  • यह चार्ज अपने बैंक और अन्य बैंक के ATM, दोनों पर लागू होगा।
  • Cash Recycler Machine (CRM) पर भी यही नियम लागू हैं (केवल कैश डिपॉजिट छोड़कर)।
  • बैंक जैसे HDFC, PNB, Kotak Mahindra, IndusInd आदि ने ग्राहकों को नोटिफाई करना शुरू कर दिया है।

2. फ्री ATM ट्रांजैक्शन लिमिट

  • मेट्रो शहरों में: 3 फ्री ट्रांजैक्शन (अपने और अन्य बैंक के ATM मिलाकर)।
  • नॉन-मेट्रो शहरों में: 5 फ्री ट्रांजैक्शन।
  • इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगेगा।
  • नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (जैसे बैलेंस चेक) भी इसी लिमिट में गिने जाएंगे।

3. चेक बाउंस और लोन डिफॉल्ट पर सख्त नियम

  • बार-बार चेक बाउंस करने पर अकाउंट ब्लैकलिस्ट और पेनल्टी बढ़ेगी।
  • ₹10,000 से ऊपर के चेक बाउंस पर फाइन, FIR, डिजिटल शिकायत और कोर्ट केस की प्रक्रिया तेज होगी।
  • EMI मिस करने पर SMS, ईमेल, कॉल और क्रेडिट ब्यूरो को तुरंत अलर्ट जाएगा।
  • बार-बार डिफॉल्ट पर लोन सुविधा बंद, अकाउंट फ्रीज और पेनल्टी।
  • बिजनेस और गवर्नमेंट वेंडर्स पर भी कड़े नियम लागू होंगे।

4. UPI मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन और कंसेंट

  • अब बैंक और UPI ऐप्स को हर हफ्ते मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन करना जरूरी है।
  • यूजर की एक्सप्लिसिट कंसेंट के बिना UPI नंबर लिंक नहीं होगा।
  • इससे फेक या फ्रॉड ट्रांजैक्शन पर लगाम लगेगी और सिक्योरिटी बढ़ेगी।
  • मोबाइल नंबर अपडेट न होने पर UPI पेमेंट फेल हो सकती है, इसलिए नंबर अपडेट रखें।

5. माइक्रोफाइनेंस लोन लिमिट

  • एक व्यक्ति एक साथ 3 से ज्यादा माइक्रोफाइनेंस लोन नहीं ले सकेगा।
  • इससे ओवर-बोरोइंग और डिफॉल्ट का रिस्क कम होगा।
  • नए नियम SRO (Self-Regulatory Organization) के तहत लागू होंगे।

6. को-ऑपरेटिव बैंक पर RBI की कड़ी निगरानी

  • घाटे, NPA बढ़ने या पूंजी अनुपात गिरने पर RBI का Prompt Corrective Action Framework लागू होगा।
  • लगातार दो साल घाटा या NPA 6% से ऊपर, तो बैंक पर कड़ी कार्रवाई।
  • इससे को-ऑपरेटिव बैंक ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ेगी।

इन बदलावों का आपकी जेब पर सीधा असर

  • ATM से बार-बार पैसे निकालना महंगा होगा, इसलिए ट्रांजैक्शन प्लान करें।
  • EMI या चेक पेमेंट में लापरवाही पर बैंकिंग सुविधा बंद या अकाउंट ब्लैकलिस्ट हो सकता है।
  • UPI मोबाइल नंबर अपडेट और वेरिफिकेशन जरूरी, वरना पेमेंट फेल हो सकती है।
  • माइक्रोफाइनेंस लोन लेने से पहले लिमिट चेक करें, ओवर-बोरोइंग से बचें।
  • को-ऑपरेटिव बैंक में खाता है तो बैंक की फाइनेंशियल हेल्थ पर नजर रखें।

FAQs: 15 मई 2025 से बैंकिंग नियमों में बदलाव

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1. ATM से कितने फ्री ट्रांजैक्शन मिलेंगे?
मेट्रो में 3, नॉन-मेट्रो में 5 फ्री ट्रांजैक्शन, उसके बाद ₹23 + टैक्स चार्ज लगेगा।

2. ATM चार्ज में कितना इजाफा हुआ है?
पहले ₹21 था, अब ₹23 + टैक्स लगेगा।

3. बार-बार चेक बाउंस पर क्या होगा?
अकाउंट ब्लैकलिस्ट, पेनल्टी, FIR और कोर्ट केस तक की कार्रवाई हो सकती है।

4. UPI मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन क्यों जरूरी है?
फ्रॉड रोकने और सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए हर हफ्ते मोबाइल नंबर वेरिफाई करना जरूरी है।

5. माइक्रोफाइनेंस लोन की नई लिमिट क्या है?
एक व्यक्ति 3 से ज्यादा माइक्रोफाइनेंस लोन एक साथ नहीं ले सकता।

निष्कर्ष

15 मई 2025 से लागू होने वाले बैंकिंग के ये 6 बड़े नियम आपकी रोजमर्रा की फाइनेंशियल लाइफ को सीधे प्रभावित करेंगे। ATM चार्ज, चेक बाउंस, EMI डिफॉल्ट, UPI वेरिफिकेशन, माइक्रोफाइनेंस लोन और को-ऑपरेटिव बैंकिंग से जुड़े ये बदलाव आपकी जेब और बैंकिंग आदतों पर असर डालेंगे। समय पर पेमेंट, मोबाइल नंबर अपडेट और ट्रांजैक्शन लिमिट का ध्यान रखें, ताकि किसी भी परेशानी से बच सकें।

Disclaimer: यह जानकारी अप्रैल 2025 के RBI, बैंक नोटिफिकेशन और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। बैंकिंग से जुड़े फैसले लेने से पहले अपने बैंक या अधिकृत स्रोत से ताजा जानकारी जरूर लें।

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