बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री से जुड़े नियमों में 2025 में बड़ा बदलाव किया गया है। राज्य सरकार ने भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और विवाद रहित बनाने के लिए कई नए नियम लागू किए हैं। इन नए नियमों से जमीन खरीदने और बेचने वाले दोनों के लिए प्रक्रिया पहले से ज्यादा आसान और सुरक्षित हो गई है। अब रजिस्ट्री के दौरान दस्तावेजों की जांच, जमाबंदी, दाखिल-खारिज, और पेपरलेस प्रक्रिया जैसी कई सुविधाएं शुरू की गई हैं, जिससे आम नागरिकों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
बिहार सरकार का उद्देश्य है कि भूमि लेन-देन में पारदर्शिता लाई जाए, फर्जीवाड़ा और विवादों को रोका जाए, और नागरिकों को डिजिटल माध्यम से त्वरित सेवाएं मिलें। इस लेख में हम बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों, ऑनलाइन प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज़, शुल्क, विभागीय निर्देश, और नागरिकों के लिए सरकारी अपील की पूरी जानकारी देंगे।
Bihar Jamin New Registry
विवरण | जानकारी |
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नियम लागू करने वाली संस्था | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार |
नियम लागू होने की तिथि | जनवरी 2025 |
रजिस्ट्री की प्रक्रिया | पूरी तरह पेपरलेस और ऑनलाइन |
जमाबंदी आवेदन | रजिस्ट्री के साथ स्वतः, अलग से आवेदन नहीं |
विक्रेता के नाम पर जमाबंदी | अनिवार्य, अन्यथा सहमति पत्र जरूरी |
दस्तावेज़ सत्यापन | ऑनलाइन पोर्टल पर डिजिटल सत्यापन |
आवेदन का माध्यम | ऑनलाइन/ऑफलाइन (विशेष कैंप भी) |
आधिकारिक वेबसाइट | biharbhumi.bihar.gov.in |
बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियम क्या हैं?
2025 में बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस बना दिया है। अब जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमाबंदी (mutation) के लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। जैसे ही जमीन की रजिस्ट्री होती है, उसी समय जमाबंदी भी अपने आप खरीदार के नाम पर ट्रांसफर हो जाती है
नए नियमों की मुख्य बातें:
- पेपरलेस प्रक्रिया: अब जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह ऑनलाइन और पेपरलेस होगी।
- जमाबंदी का स्वतः ट्रांसफर: अब रजिस्ट्री के साथ ही जमाबंदी अपने आप नए मालिक के नाम पर हो जाएगी, अलग से दाखिल-खारिज के लिए आवेदन नहीं करना होगा।
- विक्रेता के नाम पर जमाबंदी अनिवार्य: केवल उसी जमीन की रजिस्ट्री होगी जिसकी जमाबंदी विक्रेता के नाम पर है।
- संयुक्त जमाबंदी के मामले में: यदि जमीन पूर्वजों के नाम पर है, तो सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति जरूरी है
- डिजिटल दस्तावेज़ सत्यापन: सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन पोर्टल पर डिजिटल तरीके से सत्यापित होंगे।
- स्पेशल कैंप: विभाग द्वारा हर सप्ताह विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं, जहां लोग अपने दस्तावेज़ अपडेट या जमाबंदी सुधार सकते हैं।
- सेल्फ-डिक्लेरेशन की डेडलाइन: जमीन मालिकों के लिए सेल्फ-डिक्लेरेशन दस्तावेज़ जमा करने की अंतिम तिथि मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है
बिहार जमीन रजिस्ट्री की ऑनलाइन प्रक्रिया
अब जमीन रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल biharbhumi.bihar.gov.in पर आवेदन किया जा सकता है। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तेज है, जिससे नागरिकों को समय और पैसे की बचत होती है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री की स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया:
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं:
biharbhumi.bihar.gov.in पर लॉगिन करें। - नया आवेदन करें:
“भूमि रजिस्ट्री” सेक्शन में जाकर नया आवेदन फॉर्म भरें। - दस्तावेज़ अपलोड करें:
- जमीन के कागजात (खाता, खेसरा, नक्शा)
- विक्रेता और खरीदार का पहचान पत्र
- विक्रेता के नाम पर जमाबंदी प्रमाण पत्र
- सहमति पत्र (यदि संयुक्त जमाबंदी है)
- फीस का भुगतान करें:
ऑनलाइन माध्यम से निर्धारित शुल्क जमा करें। - दस्तावेज़ सत्यापन:
पोर्टल पर ही डिजिटल सत्यापन होगा। - रजिस्ट्री की पुष्टि:
आवेदन स्वीकृत होने के बाद रजिस्ट्री की डिजिटल कॉपी डाउनलोड करें। - जमाबंदी ट्रांसफर:
रजिस्ट्री के साथ ही जमाबंदी अपने आप नए मालिक के नाम पर हो जाएगी।
जरूरी दस्तावेज़
- जमीन के स्वामित्व संबंधी कागजात (खाता, खेसरा, नक्शा)
- विक्रेता और खरीदार का आधार/पैन/मतदाता पहचान पत्र
- विक्रेता के नाम पर जमाबंदी प्रमाण पत्र
- सहमति पत्र (संयुक्त जमाबंदी के मामले में)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता विवरण (शुल्क भुगतान के लिए)
- सेल्फ-डिक्लेरेशन फॉर्म (यदि लागू हो)
नए नियमों से होने वाले फायदे
- प्रक्रिया पारदर्शी और तेज हो गई है।
- फर्जीवाड़ा और विवाद की संभावना कम होगी।
- नागरिकों को बार-बार दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- ऑनलाइन ट्रैकिंग से हर स्टेप पर अपडेट मिल सकेगा।
- जमाबंदी अपने आप ट्रांसफर होने से समय और पैसे की बचत।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. क्या अब जमीन खरीदने के बाद दाखिल-खारिज के लिए आवेदन करना जरूरी है?
नहीं, अब रजिस्ट्री के साथ ही जमाबंदी अपने आप नए मालिक के नाम ट्रांसफर हो जाएगी।
Q2. क्या संयुक्त जमाबंदी की जमीन खरीदी जा सकती है?
हाँ, लेकिन सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति जरूरी है
Q3. क्या प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है?
जी हाँ, अब अधिकांश जिलों में प्रक्रिया पेपरलेस और ऑनलाइन हो गई ह।
Q4. सेल्फ-डिक्लेरेशन की अंतिम तिथि क्या है?
मार्च 2025 तक सेल्फ-डिक्लेरेशन दस्तावेज़ जमा किए जा सकते हैं।
Q5. क्या पुराने जमीन मालिक के नाम पर रजिस्ट्री हो सकती है?
नहीं, अब केवल उसी जमीन की रजिस्ट्री होगी जिसकी जमाबंदी विक्रेता के नाम पर है
Q6. विभाग द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं दी जा रही हैं?
विशेष कैंप, ऑनलाइन सहायता, डिजिटल दस्तावेज़ सत्यापन, और त्वरित सेवा।
निष्कर्ष
बिहार सरकार के नए जमीन रजिस्ट्री नियम 2025 से भूमि खरीद-बिक्री का सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल हो गया है। अब दाखिल-खारिज के लिए अलग से आवेदन की जरूरत नहीं, प्रक्रिया पेपरलेस हो चुकी है, और विवादों की संभावना बेहद कम हो गई है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल सरकारी पोर्टल और विभागीय कैंप के माध्यम से ही आवेदन करें और सभी दस्तावेज़ सही-सही प्रस्तुत करें।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया आवेदन करने से पहले सभी नियम, शुल्क और प्रक्रिया की पुष्टि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी कार्यालय से अवश्य करें। नए नियम पूरी तरह वास्तविक हैं, लेकिन समय-समय पर इनमें बदलाव संभव है।