CNG और Petrol गाड़ियों पर बैन? सरकार की नई नीति से मचा बवाल CNG Petrol Vehicle Ban

दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति (EV Policy 2.0) का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत, राजधानी में पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना बनाई गई है। यह कदम पर्यावरण सुधार के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे वाहन मालिकों और ऑटोमोबाइल उद्योग में हलचल मच गई है।

इस नीति के तहत 15 अगस्त 2025 से CNG ऑटो रिक्शा का नया रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा, और 2026 से पेट्रोल और CNG दोपहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। हालांकि, यह बदलाव न केवल प्रदूषण को कम करेगा बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को भी बढ़ाएगा।

CNG और पेट्रोल गाड़ियों पर बैन: क्या है यह नीति?

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दिल्ली सरकार की EV Policy 2.0 का मुख्य उद्देश्य राजधानी में फॉसिल फ्यूल (पेट्रोल, डीजल और CNG) से चलने वाले वाहनों को हटाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत कई बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं:

  • CNG ऑटो रिक्शा पर रोक: 15 अगस्त 2025 से नए CNG ऑटो का रजिस्ट्रेशन बंद होगा।
  • पुराने CNG वाहनों का परिवर्तन: 10 साल पुराने CNG ऑटो को बैटरी-चालित वाहनों में बदला जाएगा।
  • पेट्रोल और CNG टू-व्हीलर्स पर प्रतिबंध: 15 अगस्त 2026 से इनका पंजीकरण पूरी तरह बंद होगा।
  • सरकारी वाहन परिवर्तन: सभी कचरा संग्रहण वाहन और सार्वजनिक परिवहन बसें 2027 तक इलेक्ट्रिक हो जाएंगी।

EV Policy 2.0 का ओवरव्यू

पॉलिसी का पहलूविवरण
लागू होने की तारीख15 अगस्त 2025 (CNG), 15 अगस्त 2026 (पेट्रोल/डीजल टू-व्हीलर्स)
प्रभावित वाहनपेट्रोल, डीजल, CNG ऑटो रिक्शा और टू-व्हीलर्स
मुख्य उद्देश्यप्रदूषण कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना
पुराने वाहन नियम10 साल पुराने CNG ऑटो को बैटरी-चालित में बदलना अनिवार्य
सरकारी वाहन परिवर्तनसभी कचरा संग्रहण वाहन और बसें इलेक्ट्रिक होंगी
निजी कार नियमतीसरी कार खरीदने पर केवल इलेक्ट्रिक विकल्प उपलब्ध होगा

नीति के प्रमुख बिंदु

1. CNG ऑटो रिक्शा पर प्रतिबंध

  • नया रजिस्ट्रेशन बंद: 15 अगस्त 2025 से नए CNG ऑटो रिक्शा पंजीकरण की अनुमति नहीं होगी।
  • पुराने परमिट रद्द: मौजूदा परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा; केवल ई-ऑटो परमिट जारी होंगे।
  • बैटरी कन्वर्जन अनिवार्य: 10 साल पुराने सभी CNG ऑटो को बैटरी ऑपरेटेड सिस्टम में बदला जाएगा।

2. पेट्रोल और CNG टू-व्हीलर्स पर रोक

  • समाप्ति की तारीख: 15 अगस्त 2026 से पेट्रोल, डीजल और CNG टू-व्हीलर्स का पंजीकरण बंद होगा।
  • प्रदूषण नियंत्रण: टू-व्हीलर्स सबसे अधिक उत्सर्जन करते हैं, इसलिए यह कदम प्रदूषण कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।

3. सार्वजनिक परिवहन में बदलाव

  • दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि सभी सार्वजनिक परिवहन बसें इलेक्ट्रिक होंगी:
    • 31 दिसंबर 2027 तक लक्ष्य: सभी कचरा संग्रहण वाहन और बसें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी।
    • अंतरराज्यीय बस सेवाओं के लिए BS-VI बसों का उपयोग जारी रहेगा।

4. निजी कारों के लिए सख्त नियम

  • जिनके पास पहले से दो कारें हैं, वे तीसरी कार केवल इलेक्ट्रिक खरीद सकते हैं।
  • यह नियम नीति लागू होने के बाद प्रभावी होगा।

5. EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

  • दिल्ली में नए पब्लिक और प्राइवेट EV चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।
  • प्रमुख मार्गों जैसे रिंग रोड पर फास्ट चार्जिंग कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे।

नीति लागू करने के पीछे उद्देश्य

  1. प्रदूषण कम करना: दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। फॉसिल फ्यूल आधारित वाहनों को हटाकर प्रदूषण कम करना प्राथमिक लक्ष्य है।
  2. ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना: बैटरी चालित वाहनों का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर एक बड़ा कदम है।
  3. पर्यावरण संरक्षण: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण को संरक्षित करना।

इस नीति के फायदे

  • वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
  • ईंधन खर्च घटेगा क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की लागत कम होती है।
  • नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे, जैसे EV मैकेनिक और चार्जिंग स्टेशन ऑपरेटर।

इस नीति से जुड़ी चुनौतियां

  1. उच्च प्रारंभिक लागत: इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पारंपरिक वाहनों की तुलना में अधिक होती है।
  2. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी: अभी भी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या सीमित है।
  3. ग्राहकों की झिझक: लोग नई तकनीक अपनाने में हिचकिचाहट दिखा सकते हैं।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

दिल्ली सरकार ने निम्नलिखित उपाय किए हैं:

  1. EV खरीदारी पर सब्सिडी प्रदान करना।
  2. स्क्रैपिंग और रेट्रोफिटिंग इंसेंटिव देना।
  3. EV चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार करना।
  4. दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी द्वारा EV मैकेनिक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करना।

निष्कर्ष

दिल्ली सरकार की EV Policy 2.0 एक साहसिक कदम है जो पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगा। हालांकि, इसे लागू करने के लिए पर्याप्त तैयारी और जागरूकता आवश्यक होगी।

Disclaimer:

यह लेख दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित EV Policy 2.0 पर आधारित है। यह नीति अभी ड्राफ्ट स्तर पर है और इसे लागू करने से पहले कैबिनेट की मंजूरी आवश्यक होगी।

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