LIVE अपडेट: प्राइवेट स्कूलों की फीस लूट बंद! सरकार ने लागू किए नए नियम Govt Action on Private School Fee Hike

दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी का मुद्दा लंबे समय से विवादित रहा है। माता-पिता और अभिभावकों की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं कि स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं, जिससे मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। इस समस्या को हल करने के लिए दिल्ली सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। अब स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर निगरानी और नियम लागू करने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है।

सरकार का उद्देश्य है कि शिक्षा का व्यावसायीकरण रोका जाए और सभी छात्रों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। आइए विस्तार से जानते हैं कि इन नए नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं और उनका असर क्या होगा।

Govt Action on Private School Fee Hike

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दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। Education Minister Ashish Sood ने घोषणा की है कि सभी प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट किया जाएगा और फीस बढ़ोतरी से संबंधित डेटा सार्वजनिक किया जाएगा।

योजना का ओवरव्यू (Overview Table)

योजना का पहलूविवरण
योजना का नामप्राइवेट स्कूल फीस नियंत्रण योजना
लागू करने वाली संस्थादिल्ली शिक्षा विभाग (DoE)
ऑडिट प्रक्रियाSDM-नेतृत्व वाली समितियां
फीस बढ़ोतरी का डेटा10 दिनों में सार्वजनिक किया जाएगा
शिकायत दर्ज करने का तरीकाईमेल: [email protected]
कानूनी आधारदिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973
सख्त कार्रवाई के उपायमान्यता रद्द, प्रबंधन पर नियंत्रण

दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदम

1. ऑडिट प्रक्रिया

सरकार ने घोषणा की है कि सभी 1,677 प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट किया जाएगा। इसके लिए SDM (Sub-Divisional Magistrates) के नेतृत्व में समितियां बनाई गई हैं, जिनमें तहसीलदार और अकाउंट्स अधिकारी शामिल होंगे। इन समितियों को स्कूलों के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फीस बढ़ोतरी उचित है या नहीं।

2. पारदर्शिता सुनिश्चित करना

दिल्ली सरकार ने कहा है कि अगले 10 दिनों में सभी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी का डेटा Directorate of Education (DoE) की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे माता-पिता को यह जानने में मदद मिलेगी कि कौन-कौन से स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं।

3. शिकायत दर्ज करने की सुविधा

सरकार ने एक विशेष ईमेल आईडी ([email protected]) लॉन्च किया है, जहां माता-पिता अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, DoE कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज करने की भी सुविधा दी गई है।

4. सख्त कार्रवाई

जो स्कूल नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इनमें उनकी मान्यता रद्द करना या प्रबंधन को सरकारी नियंत्रण में लेना शामिल है।

फीस बढ़ोतरी के आंकड़े और समस्याएं

सर्वेक्षण रिपोर्ट

एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार:

  • 44% माता-पिता ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में उनके बच्चों की स्कूल फीस में 50-80% तक वृद्धि हुई है।
  • 8% माता-पिता ने कहा कि यह वृद्धि 80% से अधिक थी।
  • अधिकांश माता-पिता ने सरकार को दोषी ठहराया कि वह फीस बढ़ोतरी को नियंत्रित करने में असफल रही है।

कोविड के बाद स्थिति

कोविड महामारी के बाद कई स्कूलों ने सालाना 25-30% तक फीस बढ़ाई। इसके अलावा, कुछ स्कूलों पर आरोप लगे कि उन्होंने छात्रों को बोर्ड परीक्षा के एडमिट कार्ड देने से इनकार कर दिया क्योंकि अभिभावकों ने “अनधिकृत” फीस नहीं चुकाई थी।

प्रमुख विवादित मामले

DPS Dwarka

DPS Dwarka जैसे प्रतिष्ठित स्कूल पर आरोप लगा कि उन्होंने पिछले वर्षों में लगातार फीस बढ़ाई:

  • 2020-2025 तक हर साल 7% से 20% तक वृद्धि।
  • इस मामले में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जांच शुरू की गई है।

अन्य विवादित स्कूल

  • Salwan Public School: ₹1.68 करोड़ घोटाले के बावजूद फीस में भारी वृद्धि।
  • Lancer’s Convent School: 2024-25 में फीस में 34% तक वृद्धि।
  • Rukmini Devi Public School: पिछले वर्ष फीस में 11% वृद्धि।

दिल्ली शिक्षा अधिनियम, 1973 का महत्व

दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के तहत सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने से पहले Directorate of Education (DoE) से अनुमति लेनी होती है। लेकिन पिछले कई वर्षों में इस नियम का पालन नहीं हुआ। अब सरकार इसे सख्ती से लागू कर रही है।

नई व्यवस्था के लाभ

माता-पिता के लिए राहत

इन नए नियमों से माता-पिता को मनमानी फीस बढ़ोतरी से राहत मिलेगी। अब वे अपनी शिकायतें सीधे सरकार तक पहुंचा सकते हैं।

पारदर्शिता और जवाबदेही

फीस बढ़ोतरी का डेटा सार्वजनिक होने से पारदर्शिता आएगी और स्कूल जवाबदेह होंगे।

शिक्षा का व्यावसायीकरण रोकना

सरकार का उद्देश्य है कि शिक्षा को व्यापार न बनने दिया जाए और छात्रों को समान अवसर प्रदान किए जाएं।

निष्कर्ष

दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदम निश्चित रूप से सकारात्मक हैं। लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये नियम कितने प्रभावी तरीके से लागू होते हैं और क्या वास्तव में मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लग पाती है।

Disclaimer

यह लेख सरकारी घोषणाओं और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। यदि आप इस योजना या प्रक्रिया से संबंधित कोई शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो कृपया संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें।

क्या यह योजना वास्तविकता में प्रभावी होगी? यह पूरी तरह से सरकार की निगरानी और कार्यान्वयन पर निर्भर करता है।

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