बजट 2025 में ईपीएस-95 पेंशनर्स और गिग वर्कर्स को लेकर कई अहम घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी लाभों का ऐलान किया है।
इसके साथ ही, ईपीएस-95 पेंशनर्स को भी बजट से कुछ उम्मीदें हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि बजट 2025 में इन दोनों वर्गों के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं और इस पर श्रम मंत्री का क्या कहना है। हम गिग वर्कर्स की परिभाषा, उन्हें मिलने वाले लाभ और ईपीएस-95 पेंशन योजना के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे।
बजट 2025 में गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से, लगभग 1 करोड़ गिग वर्कर्स को पहचान पत्र और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
गिग वर्कर्स, जिनमें फ्रीलांसर, डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर और ऑनलाइन सर्विस देने वाले कर्मचारी शामिल हैं, लंबे समय से सामाजिक सुरक्षा की मांग कर रहे थे। सरकार के इस कदम से उन्हें स्वास्थ्य बीमा और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलने की उम्मीद है।
बजट 2025: ईपीएस-95 पेंशन और गिग वर्कर्स
पहलू | जानकारी |
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गिग वर्कर्स की संख्या (अनुमानित 2029-30 तक) | 2.35 करोड़ से अधिक |
गिग वर्कर्स को लाभ | पहचान पत्र, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण, स्वास्थ्य बीमा (पीएम जन आरोग्य योजना के तहत), सामाजिक सुरक्षा |
ई-श्रम पोर्टल | असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए |
ईपीएस-95 पेंशन | कर्मचारी पेंशन योजना 1995 |
आयुष्मान भारत योजना | प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज |
जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2025 | 100 से अधिक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का उद्देश्य |
बजट 2025 में गिग वर्कर्स के लिए घोषणाएं
- ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण: गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें एक पहचान पत्र मिलेगा और वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे.
- सामाजिक सुरक्षा: सरकार गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें बीमा और रिटायरमेंट योजनाएं शामिल हो सकती हैं.
- स्वास्थ्य बीमा: गिग वर्कर्स को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा.
श्रम मंत्री ने इन घोषणाओं को गिग वर्कर्स के लिए एक “परिवर्तनकारी कदम” बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में और भी योजनाएं लाई जाएंगी.
गिग वर्कर्स कौन होते हैं?
गिग वर्कर्स वे लोग होते हैं जो कॉन्ट्रैक्ट आधार पर किसी संस्थान के साथ जुड़कर काम करते हैं या जिन्हें ‘काम के बदले भुगतान’ पर काम दिया जाता है. इनमें फ्रीलांसर, ऑनलाइन सर्विस देने वाले कर्मचारी, कंटेंट क्रिएटर्स, कॉन्ट्रैक्ट फर्म के साथ जुड़े कर्मचारी, डिलीवरी का काम करने वाले कर्मचारी, कैब ड्राइवर आदि अस्थायी कर्मचारी शामिल होते हैं.
नीति आयोग के अनुसार, 2029-30 तक भारत में गिग वर्कर्स की संख्या 2.35 करोड़ से अधिक हो सकती है.
ईपीएस-95 पेंशनर्स को उम्मीदें
ईपीएस-95 पेंशनर्स लंबे समय से अपनी पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। वे न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ाने और महंगाई भत्ता (डीए) देने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि बजट 2025 में ईपीएस-95 पेंशनर्स के लिए कोई सीधी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी और उन्हें राहत प्रदान करेगी।
श्रम मंत्री ने ईपीएस-95 पेंशनर्स की मांगों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने कहा है कि सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2025
बजट 2025 में जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2025 को पेश करने की भी घोषणा की गई है। इस अधिनियम का उद्देश्य 100 से अधिक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना है. इससे छोटे अपराधों के लिए जेल जाने की बजाय जुर्माना भरने का प्रावधान होगा।
निष्कर्ष: आगे की राह
बजट 2025 में गिग वर्कर्स के लिए की गई घोषणाएं एक स्वागत योग्य कदम हैं। इससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
हालांकि, ईपीएस-95 पेंशनर्स को अभी भी सरकार से राहत की उम्मीद है। सरकार को इन सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गई है। यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। निवेश या पेंशन संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।
सरकारी नीतियां और योजनाएं समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें।